माइक्रोफाइनेंस: क्या, क्यों, कैसे और किसके लिए?
माइक्रोफाइनेंस (MicroFinance), जिसे माइक्रोक्रेडिट (MicroCredit) भी कहा जाता है, एक बैंकिंग सेवा है जो बेरोजगार या कम आय वाले व्यक्तियों या समूहों को प्रदान की जाती है जिनके पास पारंपरिक बैंकिंग और संबंधित सेवाओं तक पहुंच नहीं है।
माइक्रोफाइनेंस संघर्षरत व्यवसायियों को अपने छोटे उद्यमों का विस्तार करने के लिए छोटी धनराशि के ऋण की सुविधा देता है।
माइक्रोफाइनेंस सेवाओं में फायनेंस कंपनी द्वारा गरीब व्यक्तियों / परिवारों को ऋण प्रदान किया जाता है। ऐसे व्यक्ति, जिनके पास सुविधा, साधन और धन तो नहीं है, मगर जिनके पास व्यापार करने की ललक और सामर्थ्य हो, उन्हें उत्पादक गतिविधियों में शामिल होने या उनके छोटे व्यवसायों का पोषण करने में माइक्रोफायनेंस के प्रोडक्ट प्रभावी सहायता दे सकते हैं।
माइक्रोफायनेंस के प्रकार (Types of Microfinance)
- सूक्ष्म ऋण (Micro Credit) –
माइक्रोक्रेडिट माइक्रोफाइनेंस का एक सामान्य रूप है जो व्यक्ति को स्व-रोजगार बनने या एक छोटा व्यवसाय विकसित करने में मदद करने के लिए छोटा ऋण प्रदान करता है। - सूक्ष्म बचत (Micro Savings) –
माइक्रोसेविंग्स का अर्थ है जहां संगठन और वित्तीय संस्थान व्यक्तियों को पैसे बचाने के लिए प्रोत्साहित करते हैं - सूक्ष्म बीमा (Micro Insurance)- माइक्रोइंश्योरेंस कम आय वाले परिवारों को उनकी ज़रूरतों के अनुरूप बीमा योजनाओं की पेशकश करके सहायता करता है
माइक्रो फाइनेंस के फायदे क्या है? (Benefits of Microfinance)
- तत्काल धनराशि उपलब्ध कराना
माइक्रोफाइनेंस फर्म को अपने व्यवसाय को बनाए रखने के लिए तत्काल संसाधन प्राप्त करने का अवसर प्रदान करता है। यह पूंजी संचय में भी मदद करता है जिससे जरूरत पड़ने पर धन की अधिक पहुंच होती है। - क्रेडिट तक पहुंच
माइक्रोफाइनेंसिंग यहां अत्यंत प्रभावशाली रहती है, क्योंकि ये इस विचारधारा पर आधारित हैं कि छोटी क्रेडिट राशि (छोटे लोन) गरीबी के चक्र को समाप्त करने की दिशा में एक उपयोगी कदम हो सकता है। - ऋण चुकाने के लिए बेहतर दरें
माइक्रोफाइनेंस महिला उधारकर्ताओं को लक्षित करता है, जिनके साथ पुरुषों की तुलना में सांख्यिकीय रूप से अपने ऋणों को चुकाने में गलती करने की संभावना बेहद कम हैं। ये ऋण महिलाओं को सशक्त बनाने में मदद करते हैं, और वे अक्सर धन उधार देने वालों के लिए सुरक्षित निवेश होते हैं। इसलिए ऐसे ऋण तकनीकी रूप से अधिक जोखिम वाले होते हुये भी, व्यावहारिक रूप से कम जोखिम के साबित होते हैं। इसी स्थिति के आधार पर, कंपनियाँ ऐसे ऋण बेहद आकर्षक ब्याज दरों (बेहद कम ब्याज दरों) पर देने के लिए तत्पर रहती हैं। - वंचित लोगों के लिए ऋण प्रदान करता है
मुख्य रूप से महिलाएं, विकलांग लोग और ऐसे बेरोजगार व्यक्ति, जिन्हे अपना कोई व्यवसाय प्रारम्भ करने के लिए, या बढ़ाने के लिए या किसी अन्य बुनियादी सुविधा (कुएं, नलकूप या शौचालय का निर्माण, खेती मे काम आने वाले उपकरण, दुकान के लिए माल खरीदने या नया व्यवसाय शुरू करने आदि) को स्थापित करने के लिए धन की आवश्यकता होती है, वे माइक्रोफाइनेंस संस्थानों से ऋण प्राप्त करते हैं। - शिक्षा प्राप्त करने का अवसर
माइक्रोफायनेंस द्वारा परिवार की वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए धन प्राप्त किया जा सकता है। बच्चो की शिक्षा या उच्च शिक्षा के लिए आसान ऋण की उपलब्धता, शिक्षा प्राप्त करने के स्वर्णिम अवसर प्रस्तुत करवाती है। - भविष्य में निवेश की संभावना बढ़ जाती है
माइक्रोफाइनेंस का लक्ष्य अधिक पैसा उपलब्ध कराकर धन की अनुपलब्धता के चक्र को तोड़ना है। फंड की उपलब्धता का मतलब है कि बुनियादी जरूरतें पूरी हों। इस तरह, बेहतर स्वच्छता, स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता हो सकती है। फलस्वरूप लोगों की उत्पादकता बढ़ सकती है। बच्चे अपनी शिक्षा पूरी कर सकते हैं। ये सभी भविष्य के निवेश की संभावना को बढ़ाते हैं। - महत्वपूर्ण आर्थिक लाभ
माइक्रोफाइनेंस का सबसे महत्वपूर्ण पक्ष यह है की ये आय संचय और बचत की संभावना को बढ़ाता है। ये आय और संचित बचत समय समय पर निवेश के लिए उपलब्ध हो कर, आय और लाभ के नए दरवाजे खोलता है। समय के साथ व्यक्ति की संपत्ति और निवेश में वृद्धि समाज में एक समग्र आर्थिक प्रगति का रास्ता प्रशस्त करते हैं।